दो हजार बीस
तुम जाते हो तो चले जाओ हे वर्ष बीस
छूटे है लोगों के काम यहां निकली है खीस
तुम जब से आये रोना ही रोना था
चारो तरफ फैला हुआ कोरोना था
निकले नहीं घर से कई महीनो तक
बैठने के लिए बस घर का एक कोना था
तुम आये थे नई लेकर आशायें
तुम तोड गये नये बृक्षो की शाखायें
बाजार बन्द थे यहां कई महीनो तक
सब्जी मिली नही खाया है चटनी पीस पीस
तुम जाते हो तो चले जाओ हे वर्ष बीस
Manish Kumar(DEV)
02-Jul-2022 10:34 PM
nice
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Author Pawan saxena
09-Jan-2021 08:53 PM
👍
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